भ्रिहदीश्वर मंदिर

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भ्रिहदीश्वर मंदिर

भ्रिहदीश्वर मंदिर: तमिलनाडु की गौरवमयी मंदिर

प्रस्तावना:
भ्रिहदीश्वर मंदिर, जिसे तमिलनाडु के तंजावुर शहर में स्थित है, एक महत्वपूर्ण और गौरवमयी हिन्दू मंदिर है। यह मंदिर भारतीय संस्कृति, कला, और धर्म के ऐतिहासिक महत्व का प्रतीक माना जाता है। इसका नाम तमिल में "பெருவுடையார் கோயில்" है, जिसका अर्थ होता है "महादेव का मंदिर"।

मंदिर का इतिहास:
इस मंदिर का निर्माण 11वीं सदी में तंजावुर के महाराजा राजराज चोज द्वारा किया गया था। इसका निर्माण कार्यक्रम 1004 ईसा पूर्व से 1010 ईसा तक चला, और इस मंदिर का निर्माण तमिलनाडु के चोल राजवंश के सुल्तान राजराज चोज द्वारा किया गया था।

स्थान:
भ्रिहदीश्वर मंदिर तंजावुर शहर के केन्द्र में स्थित है और इसे तमिलनाडु राज्य के प्रमुख पर्यटन स्थलों में से एक के रूप में माना जाता है।

मंदिर की विशेषताएँ:
1. गिगांटिक शिखर: यह मंदिर अपने विशालकाय शिखर के लिए प्रसिद्ध है, जिसकी ऊंचाई लगभग 216 फीट है।

2. राजराजेश्वर मूर्ति: मंदिर के गर्भगृह में भगवान शिव की विशाल ब्रहदीश्वर मूर्ति है, जिसकी उच्चतम ऊंचाई लगभग 13.5 फीट है।

3. कला और शिल्पकला: इस मंदिर में अद्वितीय स्थलकला और शिल्पकला का संगम है। मंदिर की दीवारों पर चित्रित अद्वितीय चित्रकला और स्कल्प्चर्स देखे जा सकते हैं।

4. वास्तुशास्त्र: इस मंदिर का निर्माण वास्तुशास्त्र के प्रियानुकूलन के साथ किया गया है और इसे एक महाकवि के रूप में माना जाता है।

5. UNESCO धरोहर: भ्रिहदीश्वर मंदिर को UNESCO द्वारा विश्व धरोहर स्थल के रूप में मान्यता प्राप्त है।

महत्व:
भ्रिहदीश्वर मंदिर भारतीय संस्कृति और धर्म के महत्वपूर्ण प्रतीक के रूप में माना जाता है और यह पर्यटन के लिए एक महत्वपूर्ण स्थल है। इसका आदर्श वास्तुकला, शिल्पकला, और धार्मिक महत्व का प्रतीक है और लोग यहां भगवान