शिव गायत्री मंत्र

Home  मंत्र शिव गायत्री मंत्र

शिव गायत्री मंत्र

ॐ तत्पुरुषाय विद्महे महादेवाय धीमहि। तन्नो रुद्रः प्रचोदयात्" यह मंत्र संस्कृत में है और इसका हिंदी में अनुवाद निम्नलिखित है:

"ॐ (ओं) - वह परम ब्रह्मा जिसको हम जानते हैं, तत्पुरुषाय - उस महापुरुष को हम जानते हैं, विद्महे - हम उसे जानते हैं, महादेवाय - वह महादेव हैं, धीमहि - हम उसे ध्यान में रखते हैं। तन्नो रुद्रः - हम उस रुद्र को प्राप्त करते हैं, प्रचोदयात् - वह हमें मार्गदर्शन करे।"

इस मंत्र का उच्चारण और ध्यान से प्रयोग कई प्रकार के धार्मिक और आध्यात्मिक उद्देश्यों के लिए किया जाता है. इसके कुछ लाभ निम्नलिखित हैं:

  1. आध्यात्मिक उन्नति: यह मंत्र आध्यात्मिक उन्नति के लिए प्रयोग किया जाता है और मानव जीवन में दिव्यता की ओर एक मार्ग प्रदान करता है.

  2. महादेव की आराधना: इस मंत्र के जाप से शिव भगवान की आराधना और उनके गुणों का महत्वपूर्ण अंश होता है।

  3. मानसिक शांति: इस मंत्र का ध्यान और जाप करने से मानसिक शांति, संतुलन, और आत्मा की शुद्धि होती है.

  4. मानवीय संबंध: इस मंत्र का जाप मानवीय संबंधों में सामंजस्य और प्रेम को बढ़ावा देता है और दुश्मनता को दूर करता है.

  5. संजीवनी शक्ति: इस मंत्र का उच्चारण और जाप शारीरिक और मानसिक तौर पर ऊर्जा को बढ़ावा देता है और जीवन को संजीवनी शक्ति प्रदान करता है।